इस रात


3 May 2023

कुछ तो है ज़रूर के इस रात
चांद पिघल सा रहा है
मेरी नाव चल रही है और
नदी के सिलवटों पर चांद तैर रहा है

सितारे नहीं दिखते आज कल,
तुम्हारी यादों में आसमान धुंधला सा गया है
मेरी नाव चल रही है और
किनारे एक हिरनी मुझे देखती है

कोई अंत नहीं इस सोच का
सिर्फ एक एहसास भर है
मेरे हाथों में तुम्हारी तस्वीर है
और रोशनी चांदनी की है

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