पिघलती मोम का बत्ती से क्या रिश्ता है
मोमबत्ती तो एक गुज़िश्ता है
छलकती है शीशे में मेहरवा तुम्हारी
और हर बूँद में एक गुज़िश्ता है
नही है कदर हमें की हमारी कमीज़ मैली है
कब्र पर छलकता हर अश्क़ एक गुज़िश्ता है
स्याही है कि खत्म होती जा रही है
हर खाली बोतल एक गुज़िश्ता है